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सवाल
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साँसों के ख़त्म होने और समय के बह जाने के बाद
जब हम रेत पर पड़े निशानों की तरह बेजान पड़े होंगे
क्या हमारी यादें आपस में बात करेंगी
जैसे हमारे सपने आपस में बतियाते थे.
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poetry